राहुल गांधी की ज़िंदगी के अनसुने किस्से!

आज के आर्टिकल में हम जानने वाले हैं राहुल गांधी के जीवन परिचय के बारे में, मौजूदा वक्त में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालने राहुल गांधी 19 जून 1970 को हुआ था।

राहुल गांधी की पढ़ाई |

राहुल गांधी ने दिल्ली के मशहूर सेंट स्टीफन कॉलेज मैं पढ़ाई की, इसके बाद वह अमेरिका चले गए, हावर यूनिवर्सिटी में “अर्थशास्त्र” की पढ़ाई की,सुरक्षा कांडों से उन्होंने हावर के स्थान पर फ्लोरिडा एक कॉलेज में दाखिला लिया वहां से उन्होंने 1994 में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिग्री ली ।

Cambridge University मशहूर ट्रिनिटी कॉलेज 1995 में डेवलपमेंट स्टडी में M फील किया। और लंदन में नौकरी करने लगे।

साल 2002 मैं भारत लौटे राहुल गांधी।

राहुल गांधी साल 2002 में वापस , राहुल गांधी कुछ लोगों से मिलकर मुंबई में beacock सर्विस लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की । उसकी बात राहुल गांधी 2004 में सक्रिय राजनीतिक में आने की घोषणा की।

राहुल गांधी निजी जीवन के बारे में |

पूरा नाम
राहुल गांधी
जन्म तिथि
9 Jun 1970 (Accroding to 2025 Agg 55 )
जन्म स्थान
दिल्ली
पिता का नाम
राजीव गांधी
माता का नामसोनिया गांधी
शिक्षा
परास्नातक
पार्टी का नाम
Indian National Congress
धर्म
Hindi
वेबसाइट
rahulgandhi.in

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राहुल गांधी की संपत्ति

शुद्ध संपत्ति
₹15.17 CRORE
सम्पत्ति
₹15.89 CRORE
उत्तरदायित्व ₹72.02 LAKHS

राहुल गांधी के राजनैतिक के बारे में |

2004
राहुल गांधी ने राजनीति में पहला कदम तब रखा जब उन्होंने अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा, और शानदार जीत दर्ज की। यह उनके लिए संसद में पहला कदम था, और देश की राजनीति में एक नई शुरुआत का संकेत था।

2004 – 2006
इस दौरान वे गृह मामलों की स्थायी समिति के सदस्य रहे। उन्होंने संसद में अपनी भूमिका निभाना शुरू किया और प्रशासनिक अनुभव लिया।

2007
उन्हें कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया गया ,और साथ ही युवा कांग्रेस व NSUI की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। इसी साल उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व किया, लेकिन नतीजे बहुत अच्छे नहीं रहे , कांग्रेस सिर्फ 22 सीटें जीत पाई।

2007 – 2009
राहुल ने मानव संसाधन विकास पर स्थायी समिति में सदस्य के रूप में काम किया।

2009
राहुल फिर से अमेठी से लोकसभा चुनाव जीते और इस बार जीत का अंतर 3.7 लाख से भी ज्यादा था। कांग्रेस ने देशभर में 21 सीटें जीतीं, और राहुल को इसका काफी श्रेय मिला। उन्हें मानव संसाधन विकास पर स्थायी समिति में फिर से सदस्य बनाया गया।

◾2011
राहुल ने “भट्टा पारसौल” गांव में किसानों के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जब किसानों की ज़मीन अधिग्रहण के बदले उचित मुआवजा नहीं मिला, तो उन्होंने उनके साथ खड़े होकर आवाज उठाई। पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी लिया, पर यह घटना उन्हें जमीनी नेता के रूप में उभारने लगी।

2012
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का नेतृत्व किया और करीब 200 रैलियां कीं। लेकिन नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे कांग्रेस को सिर्फ 28 सीटें मिलीं।

◾2013
जनवरी में उन्हें कांग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया, लेकिन उत्तर प्रदेश में नतीजों के कारण वह चुनाव अभियान का चेहरा नहीं बने।

◾2014
एक बार फिर राहुल अमेठी से लोकसभा पहुंचे और संसद में उन्हें विदेश मामलों, वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की स्थायी समितियों में जिम्मेदारियां दी गईं।

2018
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने राज्य के सभी 30 जिलों का दौरा किया। कांग्रेस को 80 सीटें मिलीं और उन्होंने जेडीएस (JDS) के साथ मिलकर सरकार बनाई।

2019
राहुल गांधी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा उत्तर प्रदेश की अमेठी और केरल की वायनाड। वायनाड से उन्होंने जीत दर्ज की, लेकिन अमेठी में उन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी से हार मिली। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

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